आज से शुरू हो रहा है रावी कनाल को शाहपुर कंडी बांध से जोड़ने वाली नहर का काम

 

आज से शुरू हो रहा है रावी कनाल को शाहपुर कंडी बांध से जोड़ने वाली नहर का काम



42 साल के लंबे समय के बाद आखिरकार जम्मू कश्मीर को रावी दरिया से अपने हिस्से के 1150 क्यूसेक पानी के लिए कवायद शुरू हो गई है। शाहपुर कंडी परियोजना के हेडरेग्यूलेटर से बसंतपुर में रावी कनाल को जोड़ने के लिए 1.4 किलोमीटर लंबी नहर का निर्माण शुरू होने जा रहा है। जिससे विजयपुर से लखनपुर तक नहरों में जरूरत और समझौते के अनुसार 1150 क्यूसेक पानी उपलब्ध हो सकेगा। 


" शाहपुर कंडी परियोजना के पूरा होने के साथ ही जम्मू कश्मीर को जहां अपने हिस्से का बिजली पानी मिलेगा। वहीं आने वाले वर्षों में कंडी का इलाका कंडी नहीं रहेगा। यहां फसलें लहलहाएंगी और लोगों का दशकों पूर्व का सपना साकार होगा। सिंधु जल समझौते में शाहपुर कंडी और उज्ज परियोजनाएं प्रदेश में सिंचाई और बिजली व्यवस्था के लिए नए आयाम स्थापित करने जा रही हैं। जिसके लिए केंद्र सरकार शुरूआत से ही प्रतिबद्ध रही है। "


                                             डॉ जितेंद्र सिंह, केंद्रीय राज्य मंत्री

शनिवार से केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी शाहपुर कंडी परियोजना में जम्मू कश्मीर के हिस्से को जोड़ने के लिए नहर तैयार करने का काम शुरू होने जा रहा है। बसंतपुर से 1.4 किलोमीटर लंबी नहर पंजाब सरकार तैयार करवाएगी जिससे विशेष रूप से कंडी की 75 किलोमीटर रावी कनाल और इससे जुड़े 500 किलोमीटर के कूहलों के नेटवर्क में 1150 क्यूसेक पानी की उपलब्धता आने वाले कुछ ही वर्षों में सुनिश्चित की जा सकेगी। हेड रेग्यूलेटर पर भी सहमति के बाद अब जम्मू कश्मीर भी अपने हिस्से के पानी पर नियंत्रण रख सकेगा जबकि पहले यह पूरी तरह से पंजाब सरकार पर निर्भर था। ऐसे में कंडी के इलाकों में हरियाली छाने का सपना अब कुछ ही वर्षों में साकार हो जाएगा। 



आधिकारिक सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार इसके लिए 51.09 कनाल जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है। जद में आने वाले 14 ढांचों का मुआवजा देने की प्रक्रिया भी जारी है।  वर्ष 1960 के सिंधु जल समझौते को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने रावी दरिया के पानी को पंजाब और जम्मू कश्मीर में ही सौ फीसदी इस्तेमाल करने की योजना पर मुहर लगा दी थी जिसमें केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने 2014 से बंद पड़ी इस परियोजना को शुरू करवाने अहम भूमिका निभाई। 

27 सौ करोड़ की भारी भरकम राशि से तैयार होने वाली शाहपुर कंडी परियोजना राष्ट्रीय परियोजना घोषित की जा चुकी है।  जम्मू कश्मीर की रावी नहर को शाहपुर कंडी बैराज से जोड़ने के लिए बसंतपुर से शाहपुर कंडी तक 1.4 किलोमीटर लंबी नहर तैयार की जानी है। हैड रेग्यूलेटर से यह नहर जम्मू कश्मीर को अपने हिस्से का पानी उपलब्ध करवाएगी। सुखाल खड्ड के नजदीक इसके लिए एक्वाडक्ट भी बनाया जाना है।  नहर को 11 करोड़ की लागत से तैयार किया जाना है। सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता सुदेश कुमार ने बताया कि शाहपुर कंडी परियोजना में बैराज निर्माण का काम जारी है। जून माह में पानी को पंजाब ओर डायवर्ट कर जम्मू कश्मीर के हिस्से में काम शुरू कर बैराज का काम भी शुरू होने जा रहा है। नहर तैयार होने से कठुआ जिले में नहरों के एक बड़े नेटवर्क में जान आएगी। अभी तक रावी नहर में 300 क्यूसेक पानी ही उपलब्ध होता रहा है। 



" अगले दो वर्षों में जम्मू कश्मीर को निधार्रित 1150 क्यूसेक पानी उपलब्ध होना शुरू हो जाएगा। शाहपुर कंडी बांध परियोजना से जम्मू कश्मीर में सबसे अधिक लाभांवित होने वाला हिस्सा कठुआ जिले का है। शनिवार को बांध से रावी नहर के हिस्से को जोड़ने के लिए बचे हुए 1.4 किलोमीटर क्षेत्र में नहर का काम शुरू होने जा रहा है। "

 राहुल यादव, डीसी कठुआ

 


 नहर जुड़ने से जम्मू कश्मीर को सालाना बचेगा 14 करोड़



रावी दरिया के पानी की सीधी टैपिंग यानि की नहर जुड़ने से जम्मू कश्मीर सरकार को सालाना 14 करोड़ की बचत होने जा रही है। दरअसल रावी दरिया से वर्तमान में पिछले तीन दशक से भी अधिक समय से पानी को नहरों तक पहुंचाने के लिए लिफ्ट सिंचाई योजनाएं चलाई जा रही हैं। सालाना इसपर 14 करोड़ रूपए का खर्चा आता रहा है।


शाहपुर कंडी और बसंतपुर में रावी नहर के जुड़ जाने से दस करोड़ का यह खर्चा नहीं होगा। न तो इन लिफ्ट सिंचाई योजनाओं की मरम्मत की जरूरत होगी और न ही अतिरिक्त कर्मचारियों की जरूरत होगी। जिले में 575 किलोमीटर लंबे नहरों और कूहलों के नेटवर्क में सीधा पानी पहुंचेगा। जिससे 32173 हेक्टेयर जमीन सिंचित होगी।  इसके अलावा शाहपुर कंडी परियोजना से जम्मू कश्मीर को बिजली उत्पादन का बीस प्रतिशत भी बस बार रेट पर उपलब्ध होगा। शाहपुर कंडी परियोजना में 206 मेगावॉट बिजली का उत्पादन प्रस्तावित है। 


तीन मार्च 2017 को छंटा परियोजना पर छाया संकट




 20 जनवरी, 1979 को शाहपुर कंडी बांध परियोजना को लेकर जम्मू-कश्मीर और पंजाब के बीच समझौता हुआ था। पिछले चार दशक से परियोजना को लेकर दोनों राज्यों में आम सहमति नहीं बन पा रही थी। यही वजह रही कि राष्ट्रीय परियोजना घोषित हुई शाहपुर कंडी के पंजाब द्वारा शुरू करवाए गए काम को जम्मू कश्मीर ने वर्ष 2014 में यह कहकर बंद करवा दिया कि काम जम्मू कश्मीर के अधिकार क्षेत्र में चल रहा है।


जम्मू कश्मीर सरकार जहां रंजीत सागर बांध के समय पर हुए समझौते में बिजली और पानी के नुकसान का मुआवजा चाहती थी वहीं शाहपुर कंडी परियोजना में भी कुछ मतभेद उभरकर सामने आए। तीन मार्च 2017 को पीएमओ के हस्तक्षेप के बाद पंजाब और जम्मू कश्मीर राज्यों के सिंचाई सचिवों की द्विपक्षिय बैठक हुई जिससे परियोजना को लेकर चल रहे दोनों राज्यों के मतभेद काफी हद तक कम हो गए। आखिरकार राज्य कैबिनेट ने मुहर लगाकर शाहपुर कंडी परियोजना का कार्य फिर शुरू किए जाने को भी हरि झंडी दिखा दी गई।






Post a Comment

0 Comments